जून 01, 2021

Real name of Khan Sir? खान सर का असली नाम?

 Khan Sir का पूरा नाम? अमित सिंह? बवाल/मामला? सफाई?

Khan sir



Khan GS Research Centre नामक यूट्यूब चैनल पर अपने अनोखे बिहारी अंदाज में पढ़ाने वाले चर्चित khan Sir आजकल विवादों में पड़ गए हैं और कट्टरपंथ की आग के लपटों में घिरे मालूम पड़ते हैं। उनके असली नाम और पहचान को लेकर घमासान मचा हुआ है। कोई उन्हें अमित सिंह तो कोई फैज़ल खान बता रहा है। उन पर इस्लामोफोबिक होने के आरोप भी लग रहे हैं। बहुत से लोग उनके सपोर्ट में भी उतरते दिख रहे हैं। 26 मई को अपलोड किए गए एक वीडियो में khan sir खुद सफाई देने आए पर कशक तब बाकी रह गयी जब उन्होंने फिर अपना असली नाम और पहचान उजागर नही किया। 
                           क्लास में पढ़ाते वक्त एक बार उन्होंने जिक्र किया था कि उनका नाम khan sir नहीं है तथा ऐसे कुछ लोग उन्हें अमित सिंह कहकर बुलाते हैं। इसमें ध्यान देने की बात यह रही है कि उन्होंने उस वीडियो में न तो खान को अपना सरनेम मानने से इनकार किया था न ही अमित सिंह ही उनका असली पूरा नाम है ( जिसे कुछ लोग इस्तेमाल करते हैं) इसे स्वीकार किया था। बस यहीं से सोशल मीडिया के पीएचडी धारकों ने अपने अपने हिसाब से उनकी पहचान का ठप्पा अपनी अपनी पोस्टों और कमेंटों में मारना शुरू कर दिया। 26 मई को अपलोड किए गए वीडियो में उन्होंने S चन्द और RS अग्रवाल का हवाला भी दिया और पूछा कि इनका पूरा नाम भी कितने लोग जानते है? उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि अब अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति में उनके असली नाम का सवाल लेके आएंगे। अभी नाम बताने पर लोग डरा हुआ न समझे इसलिए मामला थोड़ा ठंडा पड़ने पर नाम बताने का वादा भी किया।

Khan sir ka asli nam?


  

 Khan Sir का नाम?

कुछ न्यूज़ चैनलों की पड़ताल और khan sir के कुछ पुराने साथियों व परिचितों से न्यूज़ रिपोर्टर्स की हुई बातचीत में खुलासा लगभग हो चुका है कि khan sir का असली नाम फैज़ल खान है। बचपन के दोस्त सलीम अली ने बताया कि khan sir देवरिया के भाटपाररानी कस्बे के निवासी हैं। तथा रतसिया मोड़ पर स्थित परमार मिशन स्कूल से साथ मे ही पढ़ाई की है। उसके बाद खान sir पटना तैयारी के लिए चले गए। भाटपाररानी में मालवीय गेट डिग्री कॉलेज के सामने उनका मकान है। उनके पिता का नाम बशीर खान है। परमार मिशन स्कूल की प्रिंसिपल पूनम परमार जी का भी कहना है कि उनका नाम फैज़ल था और उन्होंने 8वीं तक कि पढ़ाई यहाँ से की है। महेंद्र सागर नामक टीचर ने बताया कि "khan sir और वे दोनों लोग ही किसान ओल्ड कैम्पस मोसल्लमपुर हॉट में एक ही कैम्पस में पढ़ाते हैं। और उनका असली नाम फैजल खान ही है न की अमित सिंह।

Khan sir kaun hai?



विवाद क्या है?

24अप्रैल को khan sir द्वारा यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया गया। जिसमें उन्होंने चार्ली हेब्दो द्वारा बनाये जाने वाले धार्मिक कार्टूनों को फ्रांस के संवैधानिक कानून के हिसाब से लीगल होने  की बात बताई । तथा तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब एर्दोगान के बारे में कहा कि " ई पता नही क्या अपने को इर्तीगुल गाजी समझ रहे हैं... ई समझ रहे हैं कि इनका पुराना वाला ऑटोमन साम्राज्य है इहाँ पर... कुचा के चले जायेंगे अभी यहां पर..." तथा पाकिस्तान  व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए कहा कि " फ्रांस में धार्मिक कार्टून बनाना लीगल है.. त पाकिस्तान वाला सब कहता है कि हम कहते हैं इल्लीगल है... अरे भईया पाकिस्तान में बुर्का पहनना लीगल है!.. त फ्रांस में इल्लीगल है!... त तुम्हारे यहाँ का कानून.. अपने देश का देखो ननन.. पूरी दुनिया का काहे लेके चल रहा है तू...  ... और हद बेशर्मी ई लोगन के देखिए कि इन्होंने अपनी संसद भवन में एक प्रस्ताव पारित किया कि पाकिस्तान का वह राजदूत जो फ्रांस में बैठा है , उसे वापस बुलाया जाय ... तो जब ये प्रस्ताव पाकिस्तान की संसद से पारित हो गया तब पता चला कि पाकिस्तान का कोई राजदूत फ्रांस में बैठा ही नही है... इन लोगों का ससुरों का मुंह लजा गया.."। 
         पाकिस्तान की धार्मिक कट्टर तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के कार्यकर्ता फ्रांस के राजदूत को वापस भेजने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। जिसमें बहुत ही कम उम्र के बच्चों को भी बैनर के आगे खड़ा किया गया था। बच्चों को पॉइंट आउट करके khan sir ने जो बात कहा उसी को आधार बनाकर मुख्य रूप से उनके खिलाफ विरोध की मुहिम शुरू की गई। 



उन्होंने कहा-

 " अब ई देखिए .... ई रैली में ई बेचारा बचवा है... इसको क्या पता है कि ई राजदूत क्या चीज होता है?.. कोई पता नही है.. लेकिन फ्रांस के राजदूत को बाहर ले जाएंगे हम.. .. बाबू लोग तुम लोग पढ़ लो.. अब्बा के कहने पे मटी आओ.. अब्बा तो पंचर साटिये रहे हैं... अब अइसे ही तुम लोग भी करेगा न... त बड़ा होके तुम लोग भी पंचर साटेगा लोग.. तो पंचर मत साटो... नही तो तुमको तो पता ही है कि कुछ नही होगा त चौराहा पे बईठ के मीट कटेगा तू... बकलोल कही का... बताईये ए कोई उमर है बच्चों को यहाँ ले आने का.. बैनर से छोटा बेचारा ये है... क्या कीजियेगा?? अठारह उनयीसगो पैदा होगा सब त कवने काम आएगा .. कवनो बर्तन धोएगा, कवनो बकरी कटेगा, कवनो पंचर साटेगा... एक दु गो रहें सब तब न.. ... .. यही सब करेगा ई..."



Khan Sir के अनुसार विवाद की मुख्य वजह ?

    Khan Sir के अनुसार विवाद की मुख्य वजह कुछ कट्टरपंथी विचारधारा के लोग हैं। जो असल मे ये चाहते थे कि वो खान हैं तो अपने एजुकेशनल वीडियो में अपने सम्प्रदाय के हिसाब से तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करें। इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष पर बने दूसरे वीडियो में फिलिस्तीन के पक्ष में एकतरफा बोलना चाहिए था और फिलिस्तीन का समर्थन तथा इजरायल का विरोध करना चाहिए था। जबकि वो IAS की प्रिपरेशन कर रहे स्टूडेंट को ध्यान के रखकर तथ्यों को पेश करते हैं और ऐसा ही आगे भी करते रहेंगे। KHAN SIR के अनुसार उनके लिए पहले देश है। और उनका सपना है कि भारत फिर से विश्वगुरु बने। वे लोगो को कलाम बनते देखना चाहते हैं। और कोई कलाम न बने तो कसाब भी न बने।